शिकà¥à¤·à¤¾ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अरà¥à¤œà¤¨
सांसà¥à¤•ृतिक विकास
चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£
जीविकोपारà¥à¤œà¤¨
समविकास
नागरिकता
पूरà¥à¤£ जीवन
शारीरिक विकास
अवकाश के सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤—
समायोजन
आतà¥à¤®à¤¾ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿
आतà¥à¤®à¤¾ अनà¥à¤à¥‚ति
शिकà¥à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ बालक का चरितà¥à¤° का विकास करना होता है। चरितà¥à¤° का अरà¥à¤¥ है आंतरिक दृढ़ता और à¤à¤•ता। चरितà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने जीवन में जो à¤à¥€ कारà¥à¤¯ करता है वह उसके आदेशों से तथा सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° होता है। शिकà¥à¤·à¤¾ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ यह होना चाहिठकि मानव की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का परिमारà¥à¤œà¤¨ हो। जिससे उसके आचरण नैतिक बन जाà¤à¥¤